उत्तर: | प्रिय महोदय, भ्रूण के विकास के दौरान अंडकोष पेट में बनते हैं और फिर वंक्षण नलिका से गुजरते हुए जन्म से पहले अंडकोश में उतर जाते हैं। कुछ शिशुओं में यह प्रक्रिया विकास के किसी चरण में रुक जाती है या देरी हो जाती है। तब वृषण अपनी सामान्य स्थिति यानी अंडकोश में नहीं आ पाता है और इसे अंडकोष का उतरना कहा जाता है। प्रारंभिक शल्य चिकित्सा उपचार की सिफारिश की जाती है क्योंकि ऐसा लगता है कि यह बांझपन या कैंसर जैसी बाद की जटिलताओं के जोखिम को कम करता है। |
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